राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भारत का एक प्रमुख सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन है, जिसकी स्थापना 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने नागपुर में की थी। इसका उद्देश्य हिंदू समाज को संगठित कर राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति करना है।
डॉ. हेडगेवार ने संघ की स्थापना विजयादशमी के दिन 1925 में की थी। उनका मानना था कि भारत की स्वतंत्रता और समृद्धि के लिए समाज का संगठन आवश्यक है। संघ का मुख्य उद्देश्य “धर्म, संस्कृति और समाज का संरक्षण कर राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति” है ।
RSS की कार्यप्रणाली शाखाओं के माध्यम से संचालित होती है। इन शाखाओं में स्वयंसेवकों को शारीरिक, बौद्धिक और नैतिक प्रशिक्षण दिया जाता है। वर्तमान में, देशभर में संघ की 40,000 से अधिक दैनिक शाखाएँ सक्रिय हैं ।
संघ परिवार और संबद्ध संगठन
RSS से प्रेरित होकर कई संगठन स्थापित हुए हैं, जिन्हें “संघ परिवार” कहा जाता है। इनमें भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.), विश्व हिंदू परिषद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, सेवा भारती, विद्या भारती, वनवासी कल्याण आश्रम, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच आदि प्रमुख हैं ।
ऐतिहासिक भूमिका और योगदान
आपातकाल (1975-77): इस दौरान संघ पर प्रतिबंध लगाया गया, लेकिन इसके स्वयंसेवकों ने लोकतंत्र की बहाली के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
सेवा कार्य: प्राकृतिक आपदाओं और सामाजिक संकटों के समय संघ के स्वयंसेवक राहत और पुनर्वास कार्यों में सक्रिय रहते हैं।
वर्तमान स्थिति और विचारधारा
वर्तमान में, RSS के प्रमुख मोहन भागवत हैं। वे हिंदू समाज की संगठित शक्ति और समरसता पर जोर देते हैं। हाल ही में, उन्होंने कहा कि “हिंदुओं को सम्मान तभी मिलेगा जब उनकी सामाजिक और आंतरिक शक्ति मजबूत होगी”
निष्कर्ष
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पिछले 100 वर्षों में भारतीय समाज में संगठन, सेवा और सांस्कृतिक जागरूकता के माध्यम से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके कार्यों और विचारधारा ने देश के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित किया है।